सभी देवताओं की आराध्य देवी है माता कंकाली

 


आरंगः नगर के मध्य गुप्ता पारा में विराजित हैं माता कंकालीन। जिन्हें नगर की मुख्य ग्राम देवी होने का गौरव प्राप्त है। मछली चौंक आरंग निवासी मंदिर के पुजारी रामखिलावन धीवर बताते हैं, पहले यहां मनोकामना ज्योति नहीं जलाई जाती थी। 38 वर्ष पहले माता कंकालीन ने उन्हेेे स्वप्न देकर बोली बेटा यहां ज्योत जलाओ। तब रामखिलावन ने लोगों से चंदा एकत्रित कर ज्योत जलाना प्रारंभ किया तब से यहां चैत्र व कुंवार दोनों ही नवरात्रि में मनोकामना दीप प्रज्जवलित किया जाता है। कई वर्षों से शीतला पारा आरंग के यादव परिवार ही बड़ी संख्या में मनोकामना ज्योति जलाते है। पहले माता की प्रतिमा कच्ची झोपड़ीनुमा स्थान पर विराजित थी जिसे गुप्ता पारा निवासी अनिल गुप्ता के पिता स्व. राममोहन गुप्ता ने सन् 1995 में जीर्णोद्धार कराया। पूर्वमुखी इस मंदिर में सूर्योदय की पहली किरण से अभिषेक होती है। माता की दिव्य प्रतिमा एक ही पत्थर से निर्मित है। माता के दाएं-बाएं कुछ अन्य देवी-देवताओं की प्राचीन प्रतिमाएं भी है। पुजारी धीवर ने बताया वह 35 वर्षो से यहां पूजा, सेवा आराधना कर रहे हैं। दोनों नवरात्रि में नगर के दुर्गा व जंवारा विसर्जन के पहले यहां जवारा, श्रीफल के साथ पूजा आराधना कर माता कंकालीन से विसर्जन की अनुमति व सूचना देने की परंपरा हैं। नगर में सबसे पहले माता कंकालीन की ज्योत, जंवारा विसर्जन होता है उसके बाद ही नगर की सभी ज्योत जंवारा एवं मां दुर्गा का विसर्जन किया जाता है। मान्यता है कि माता कंकाली की बिना अनुमति व सूचित किए जंवारा व दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन करने से अनहोनी होने की आशंका रहती है, इसलिए माता की पूजा आराधना कर ही ज्योत जंवारा व दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है। माता कंकालीन मालीडिह वाले पाण्डे परिवार की ईष्टदेवी है। प्रतिवर्ष चैत्र व कुंवार नवरात्रि में पाण्डे परिवार भी मनोकामना ज्योति प्रज्वलित करते है। यहां के ज्योत जंवारा का विसर्जन पुजारी एवं स्थानीय लोगों के द्वारा केंवसी तालाब में अष्टमी के मध्यरात्री में विसर्जित कर दी जाती है। वर्षभर मंदिर की देखरेख व पूजा आराधना रामखेलावन धीवर और संजू धीवर ही करते हैं।यह नवरात्रि में यहां 71 मनोकामना ज्योति प्रज्वलित हो रही है। नवरात्र में यहां बड़ी संख्या में प्रतिदिन नगर व क्षेत्र के श्रद्धालुगण जस सेवादल पहुंचकर माता की जस सेवा गाकर मां कंकालीन से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। मान्यता है मां कंकालीन सभी की मनोकामना अवश्य पूरी करती है।