महिषासुर मर्दिनी रूप में है आरंग की माता चंडी



आरंगः धर्म, आस्था आध्यात्म और मंदिरों की नगरी के नाम से सुविख्यात नगर है आरंग। जिनके चारों दिशाओं में आदि शक्ति माताएं विराजमान हैं।

जिनमें से एक है बागेश्वर पारा आरंग में स्थित माता चंडी।जिनकी महिमा निराली है। यहां वर्ष भर भक्तों का तांता लगा रहता है।ऐसी जन आस्थ है माता के दर पर जो भी श्रद्धालु पहुंचते हैं माता चंडी उनकी कामना जरूर पूरा करती है।

मंदिर के पुजारी मोहित तिवारी बताते हैं गर्भगृह में विराजमान माता की प्रतिमा महिषासुर मर्दिनी दुर्गा रुप में है।

साथ में उनके दाहिने ओर महालक्ष्मी व बाएं में मां सरस्वती है। तीनों प्रतिमाएं एक ही शिला में उत्कीर्ण की गई है। माता महिषासुर मर्दिनी की प्रतिमा अष्टभुजीय है। जो हांथो में त्रिशूल, तलवार, खप्पर, ढाल, गदा, शंख व कमल फूल धारण की हुई है। वहीं मंदिर के मंडप में बाएं ओर काले पत्थरों से निर्मित माता चंडी व दाहिने ओर जैन तीर्थंकर की प्राचीन प्रतिमा विद्यमान हैं। मंदिर के मंडप में ही दाएं व बाएं दोनों ओर भगवान विष्णु की प्राचीन प्रतिमा स्थापित है।  पश्चिमोन्मुखी यह मंदिर प्राचीन पाषाण से निर्मित है। मंदिर कितनी पुरानी है इसकी वास्तविक जानकारी किसी को नहीं है। मंदिर परिसर में ही एक बहुत पुरानी कुंआ है जिसमें वर्ष भर जल भरा रहता है। वर्तमान में इस मंदिर का संचालन नवयुवक कसौंधन वैश्व गुप्ता समाज आदिशक्ति श्री मां चंडी मंदिर समिति की देखरेख में किया जा रहा है।चैत्र व कुंवार दोनों ही नवरात्रि में यहां अनेक मनोकामना ज्योति प्रज्वलित की जाती है।इस नवरात्रि में भी 72 मनोकामना ज्योति प्रज्ज्वलित हो रही है।जो श्रद्धालुओं की जन आस्था को प्रदर्शित करते हैं।